अक्षांश रेखाएँ देशांतर रेखाएँ
अक्षांश:
भू-पृष्ठ पर विषुवत रेखा या भूमध्यरेखा (Equator) के उत्तर या दक्षिण में एक याम्योत्तर (Meridian) पर किसी भी बिन्दु को पृथ्वी के केन्द्र से मापी गई कोणीय दूरी, अक्षांश कहलाती है। इसे अंशों, मिनटों व सेकेंडों में दर्शाया जाता है। भूमध्यरेखा 0° का अक्षांश है। यह पृथ्वी को दो बराबर भागों में बाँटता है। भूमध्यरेखा से समानान्तर ध्रुव तक दोनों गोलार्द्ध में अनेक वृत्तों का निर्माण होता है।

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ये वृत्त ‘अक्षांश रेखाएँ’ कहलाती हैं। उत्तरी व दक्षिणी गोलार्द्धा में यह 0° से 90° तक पाई जाती है। इस प्रकार 181 अक्षांश रेखाएँ होती हैं। उत्तरी गोलार्द्ध में 237°N कर्क रेखा (Tropic of Cancer) और 66%°N उत्तरी उपध्रुव वृत्त (Sub Arctic) तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में 23/° S मकर रेखा (Tropic of Capricorn) और 667°S दक्षिणी उपध्रुव वृत्त (Sub-Antarctic) कहलाते हैं। प्रत्येक 1° की अक्षांशीय दूरी लगभग 111 किमी. है, जो पृथ्वी के गोलाकार होने के कारण भूमध्य रेखा से ध्रुवों तक भिन्न-भिन्न मिलती है।
देशान्तर :
किसी स्थान की कोणीय दूरी जो प्रधान याम्योत्तर Meridian) के पूर्व या पश्चिम में होती है, देशान्तर कहलाती है।
प्रधान याम्योत्तर रेखा 0° देशांतर को माना गया है। यह लंदन के ग्रीनविच से होकर गुजरती है। 0° के दोनों ओर 180° तक देशान्तर रेखाएँ होती हैं, जो कुल मिलाकर 360° हैं। जहाँ कैवल 0° अक्षांश रेखा पृथ्वी को दो बराबर भागों में बाँटती है, वहीं सभी देशान्तर रेखाएँ यह कार्य करती हैं। इसीलिए इन सभी को महान वृत (ग्रेट सर्किल) कहा जाता है। 1° देशान्तर की भूमध्यरेखा पर दूरी 111.32 किमी. है, जो ध्रुवों की ओर कम होती जाती है। ग्रीनविच रेखा के पूर्व में स्थित 180° तक सभी देशान्तर ‘पूर्वी देशान्तर’ एवं पश्चिम की ओर स्थित सभी देशान्तर ‘पश्चिमी देशान्तर’ कहे जाते हैं। ये क्रमशः पूर्वी गोलार्द्ध एवं पश्चिमी गोलार्द्ध कहलाते हैं। गोलाकार होने के कारण पृथ्वी 24 घंटे में 360° घूम जाती है, अत: 1° देशान्तर की दूरी तय करने में पृथ्वी को 4 मिनट का समय लगता है। चूंकि सूर्य पूर्व में उदित होता है तथा पृथ्वी पश्चिम से पूर्व अपनी धुरी पर घूम रही है। अतः पूर्व का समय आगे की ओर तथा पश्चिम का समय पीछे रहता है। इसी कारण पृथ्वी के सभी , स्थानों पर समय की भिन्नता देखने को मिलती है। प्रत्येक 15° देशांतर पर एक घंटे का अंतर होता है। इस प्रकार 0° से 180° पूर्व की ओर जाने पर 12 घंटे की अवधि लगती है तथा यह ग्रीनविच समय से 12 घंटे आगे होता है। इसी प्रकार 0° से 180° पश्चिम की ओर जाने पर ग्रीनविच समय से 12 घंटे पीछे का समय मिलता है। यही कारण है कि 180° पूर्व व पश्चिम देशान्तर में कुल 24 घंटे अर्थात् एक दिन और रात का अंतर पाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा:
पृथ्वी पर 180″ याम्योत्तर के लगभग साथ साथ स्थलखंडों को छोड़ते हुए निर्धारित की गई काल्पनिक रेखा. ‘अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा’ (International Date Linc) कहलाती है। साइबेरिया को विभाजित होने से बचाने एवं साइबेरिया को अलास्का से अलग रखने के लिए 75° उत्तरी अक्षांश पर यह पूर्व की ओर मोड़ी गई है। बेरिंग सागर में यह रेखा पश्चिम की ओर मोड़ी गई है। फिजी द्वीप समूह एवं न्यूजीलैंड के विभिन्न भागों को एक साथ रखने के लिए यह रेखा दक्षिणी प्रशांत महासागर में पूर्व दिशा की ओर मोड़ी गई है। अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के पूर्व व पश्चिम में एक दिन का अंतर पाया जाता है। अत: इसे पार करते समय एक दिन बढ़ाया या घटाया जाता है। जब कोई जलयान अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को पार कर पश्चिम दिशा में यात्रा करता है तो एक दिन जोड़ दिया जाता है तथा जब पूर्व दिशा में यात्रा करता है तो एक दिन घटा दिया जाता है।
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स्थानीय समय (Local Time):
यह पृथ्वी पर स्थान विशेष का सूर्य की स्थिति से परिकलित समय है। स्थानीय मध्याह्न समय वह समय है जब सूर्य उस स्थान विशेप पर लम्बवत् चमकता है। – भारत के सर्वाधिक पूर्व (अरूणाचल प्रदेश) एवं सर्वाधिक पश्चिम (गुजरात के द्वारका) में स्थित स्थानों के स्थानीय समय में लगभग दो घंटे का अंतर मिलता है।
मानक समय (Standard Time)
किसी देश के मध्य से गुजरने वाली याम्योत्तर का माध्य होता है, जो स्थानीय समय की असुविधा के कारण संपूर्ण देश के लिए लागू माना जाता है। उदाहरण के लिए 82 1/2 E याम्योत्तर जो कि इलाहाबाद के निकट नैनी से गुजरती है, का समय संपूर्ण भारत के लिए मानक समय (IST) है। इससे भारत के विभिन्न प्रदेशों में देशान्तरीय अतर के कारण समय की भिन्नता को समायोजित करने की समस्या से निजात मिल जाती है।
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अक्षांश रेखाएँ देशांतर रेखाएँ
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