संविधान की उद्देशिका और नागरिकता से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
संविधान की उद्देशिका से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
मूल उद्देशिका में भारत को कैसा राज्य बनाने का संकल्प लिया गया था?
-सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, लोकतंत्रात्मक, गणराज्य।
42वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा उद्देशिका में कौन-कौन से शब्द जोड़े गये?*
-समाजवादी, पंथ निरपेक्ष; और अखण्डता
किस वाद में यह कहा गया कि संविधान की उद्देशिका उसका अंग नहीं है?*
– इनरी बेरुबारी के मामले में
संविधान निर्माताओं के विचारों को जानने की कुंजी किसे कहा जाता है?
-उद्देशिका को
किस मामले में यह कहा गया कि प्रस्तावना संविधान का भाग है?
– केशवानन्द भारती बनाम केरल राज्य
किस वाद में संविधान की उद्देशिका में संशोधन का प्रावधान दिया गया?
-केशवानन्द भारती
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में (वर्तमान) भारत को किस रूप में घोषित किया गया है?
– सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, पंथ-निरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणराज्य।
रोचक तथ्य >>> |
>>.42वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा उद्देशिका में शमिल किये गये शब्दों समाजवादी’ ‘पथ-निरपेक्ष’ और अखण्डता को इस आधार पर न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है कि वह उद्देशिका में निहित किसी आधारभूत ढाँचे (Basic Structure) को नष्ट करता है। (जब तक कि केशवानन्द भारती बनाम केरल राज्य का निर्णय उच्चतम न्यायालय द्वारा उलट नहीं दिया जाता है।) >>>>व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता एवं अखण्डता सुनिश्चित करना भारतीय संविधान की प्रस्तावना के अन्तर्गत एक संकल्प है। |
उद्देशिका में निहित ‘आधारभूत ढाँचे’ की अवधारणा का निर्धारण किस वाद में | किया गया था?
– केशवानन्द भारती बनाम केरल राज्य (1973)।
उद्देशिका के अनुसार भारत के शासन की सर्वोच्च सत्ता किसमें निहित है?
-हम भारत के लोग अर्थात् भारत की जनता में।
‘सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न’ शब्द का क्या अर्थ है?
– भारत अपने आन्तरिक एवं बाह्य सभी मामलों में पूर्णतः स्वतंत्र है।
भारत के सन्दर्भ में धर्मनिरपेक्षता का सही भाव क्या है?
– भारत में राज्य का कोई धर्म नहीं है।
भारतीय संविधान का कौन-सा भाग संविधान की आत्मा है?
– संविधान की प्रस्तावना
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित उद्देश्यों एवं आदर्शों की व्याख्या संविधान में कहाँ की गयी है?
– मूल अधिकारों, नीति निदेशक सिद्धान्ता एवं मूल कर्तव्य के अध्यायों में
किस वाद में सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्णय दिया था कि अनुo 14, 16 तथा 39 क के अन्तर्गत स्त्री तथा पुरुष दोनों को ‘समान का समान वेतन का अधिकार एक संवैधानिक लक्ष्य है; अतः यह एक अधिकार है।
– रणधीर सिंह बनाम भारत संघा
रोचक तथ्य >>> >>विश्व की प्रमुख लोकतांत्रिक क्रांतियाँ |
इंग्लैंड की 1688 की गौरवपूर्ण क्रांति :>>> 1688 ई. की क्रांति को ‘गौरवपूर्ण क्रांति’ इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसके द्वारा बिना किसी रक्तपात या युद्ध के इंग्लैंड के राजनैतिक जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ। इस क्रांति के फलस्वरूप इंग्लैंड से निरंकुश राजतंत्रीय शासन का सदा के लिए अंत हो गया और उसके स्थान पर देश का शासन संसद के हाथ में आ गया। इस महत्त्वपूर्ण क्रांति से प्रेरणा लेकर फ्रांस, रूस, अमेरिका आदि देशों में भी क्रांतियां हुईं। |
अमेरिकी क्रांति (1776) : >>>उत्तरी अमेरिका के 13 ब्रिटिश उपनिवेशों की जनता ने ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध जो आक्रोश प्रकट किया, उसे अमेरिकी क्रान्ति या स्वाधीनता संग्राम कहा जाता है। इस क्रांति के फलस्वरूप 4 जुलाई, 1776 को ‘स्वाधीनता का घोषणा-पत्र’ जारी किया गया, जिसमें कहा गया था कि सभी मनुष्य समान हैं एवं उन्हें जीवन, स्वतंत्रता एवं खुशी का प्राकृतिक एवं अप्रतिदेय अधिकार प्राप्त है। |
फ्रांसीसी क्रांति (1789) >>>>: फ्रांसीसी क्रांति 1789 ई. में सम्राट लुई सोलहवें के राज्यकाल में प्रारंभ हुई। राजा के दैवी अधिकारों की व्यापकता एवं निरंकुशता, राज परिवार की बढ़ती विलासिता, फ्रेंच असेम्बली स्टेट्स जनरल की | 1614 से बैठक न होना, समाज के तीसरे वर्ग जनसाधारण की निर्धनता, कष्ट, असन्तोष, पादरियों एवं कुलीन वर्गों का असन्तुष्ट होना, मान्टेस्क्यू, वाल्टयर रूसो आदि विचारकों के उदार विचार इस क्रान्ति के प्रमुख कारण थे। इस क्रात में स्वतंत्रता, समानता, विश्व बन्धुत्व का नारा दिया गया। अन्ततः 22 सितम्बर 1792 को गणतंत्र की घोषणा की गई। |
औद्योगिक क्रांति >>>>: 18वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में इसकी शुरुआत इंग्लैंड में हुई तथा बाद में यह पूरे यूरोप में फैल गयी। इस क्रांति ने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित किया। |
विश्व का प्रथम पंथ निरेपक्ष राष्ट्र कौन है?
– संयुक्त राज्य अमेरिका
किसका कथन है कि-संविधान शरीर है तो प्रस्तावना उसकी आत्मा, प्रस्तावना आधार शिला है तो संविधान उस पर खड़ी अट्टालिका?
– सुभाष कश्यप का।
राज्य का सबसे महत्वपूर्ण तत्व क्या है?
– सम्प्रभुता
प्रस्तावना में समाजवादी’ एवं पंथ-निरपेक्ष’ शब्द कब जोड़ा गया?
-42वें संविधान संशोधन द्वारा1976 में
संविधान की उद्देशिका में अब तक कितनी बार संशोधन किया गया है?*
– सिर्फ एक बार, 1976 में
भारत कब एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, लोकतांत्रिक, गणराज्य बना?*
-26 जनवरी 1950 को
भारत एक गणतन्त्र है, इसका क्या अर्थ है?
–भारत का राष्ट्राध्यक्ष वंशानुगत न होकर निर्वाचित होगा।
भारतीय संविधान कब अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित किया गया?*
-26 नवम्बर 1949 ई. को
भारतीय संविधान किसके द्वारा अंगीकृत किया गया?
– भारतीय जनता द्वारा (संविधान सभा के माध्यम से)।
संविधान की प्रस्तावना अपने नागरिकों को कौन-कौन सा न्याय सुनिश्चित करती
– सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक न्याय
प्रस्तावना नागरिकों को कौन-कौन स्वतंत्रता सुनिश्चित करती है?
– विचार, अभिव्यक्ति (मत प्रकट करने) विश्वास, धर्म, एवं उपासना की।
किस वाद में पंथ-निरपेक्षता को संविधान का आधार भूत ढाँचा घोषित किया गया?
– एस.आर. बोम्बई बनाम भारत संघ के वाद में
भारत में सम्प्रभु कौन है?
– ‘हम भारत के लोग
रोचक तथ्य >>> >>संविधान की विशेषतायें : एक दृष्टि में |
• विशालतम एवं विस्तृत संविधान* • लिखित संविधान • प्रभुता सम्पन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य • संसदीय शासन प्रणाली* . मूल अधिकार • नीति निर्देशक तत्व • मूल कर्तव्य • स्वतंत्र न्यायपालिका • नम्यता और अनम्यता का अनोखा मिश्रण • केन्द्राभिमुख संविधान • एकल नागरिकता* • वयस्क मताधिकार • संविधान की सर्वोच्चता* • आपात कालीन उपबन्ध • ग्राम पंचायतों की स्थापना |
भारतीय संविधान को किसने विश्व का सबसे बड़ा और विस्तृत संविधान कहा है?
-सर आइवर जेनिंग्स ने
मूल संविधान में कुल कितने अनुच्छेद, अनुसूचियाँ एवं भाग थे?
-395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियाँ एवं 22 भाग
वर्तमान में संविधान में लगभग कितने अनुच्छेद है?
-463
वर्तमान में भारतीय संविधान में कुल कितनी अनुसूचियाँ है?
– बारह ( 12 )
9वीं अनुसूची संविधान में कब जोड़ी गयी?
-प्रथम संविधान संशोधन (1951) द्वारा
11वीं एवं 12वीं अनुसूची को संविधान में किस संशोधन द्वारा रखा गया?
-क्रमशः 73वें और 74वें संविधान संशोधन द्वारा
भारतीय संविधान के वृहद् होने का एक प्रमुख कारण क्या है?
– यह संघ तथा राज्यों की सरकारों, उसके अंगों व कार्यों का विस्तृत वर्णन करता है।
भारत में कैसी शासन प्रणाली अपनायी गयी है?
– संसदीय शासन प्रणाली
किसने भारतीय संविधान के विस्तृत होने को उसका दुर्गुण और वकीलों का स्वर्ण कहा है?
– सर आइबर जेनिग्स ने
भारतीय संसदीय प्रणाली कहाँ से ली गयी है?
* -ब्रिटेन से
भारत का राष्ट्रपति किसके समान है*
-ब्रिटेन के सम्राट के समान
भारत किस प्रकार का प्रजातंत्र है*
– संसदात्मक प्रजातंत्र
भारत कैसा गणराज्य हैं?
– लोकतांत्रिक गणराज्य
अमेरिकी शासन प्रणाली कैसी है?
-अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली
भारत में मंत्रीपरिषद किसके प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है?
– लोकसभा के प्रति
रोचक तथ्य >>> >> भारतीय संविधान के स्रोत |
संविधान निर्माण के समय संविधान सभा ने लगभग 60 देशों के संविधानों का अध्ययन किया था और उनकी अच्छी बातों को. जो भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल थी, निःसंकोच ग्रहण किया। वैसे भारतीय संविधान पर सर्वाधिक प्रभाव भारत शासन अधिनियम 1935 का पड़ा है। भारतीय संविधान में अन्य देशों से ग्रहण किए गए कुछ प्रमुख प्रावधान इस प्रकार है |
ब्रिटिश संविधान से >>> •संसदीय शासन पद्धति •लोक सभा के प्रति मंत्रिमण्डल का सामूहिक उत्तरदायित्व (अनु.-75 (3) •राष्ट्र के प्रधान के रूप में राष्ट्रपति की औपचारिक प्रधानता और वास्तविक शक्तियाँ मंत्रिपरिषद में निहित होना • एकल न्यायिक प्रणाली • विधि-निर्माण की प्रक्रिया • ‘विधि का शासन’ • एकल नागरिकता* • विधायिका के सदस्यों के विशेषाधिकार एवं उन्मुक्तियाँ • संसद एवं विधानमण्डलों की प्रक्रिया |
>>>>आयरलैण्ड के संविधान (1937) से • राज्य के नीति निदेशक तत्व* •साहित्य, कला, विज्ञान, समाज सेवा में योगदान के आधार पर राज्य सभा (12) सदस्यों का मनोनयन* • राष्ट्रपति का निर्वाचक मण्डल |
>>>>>>>संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान (1789) से • मूल अधिकार • उद्देशिका का विचार* • राष्ट्रपति पर महाभियोग की प्रक्रिया* • स्वतंत्र न्यायपालिका •न्यायिक पुनरावलोकन का सिद्धान्त • उपराष्ट्रपति का पद वित्तीय आपात • संविधान संशोधन में राज्य विधायिकाओं द्वारा अनुमोदन का प्रावधान |
>>>>>>आस्ट्रेलिया के संविधान (1901) से • प्रस्तावना की भाषा •समवर्ती सूची • केन्द्र राज्य सम्बन्ध •शक्तियों का विभाजन* |
>>>>>>>>कनाडा के संविधान से • संघीय शासन प्रणाली • राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति के विचारणार्थ विधेयक सुरक्षित रखना • सशक्त केन्द्र •अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धान्त •जापान के संविधान से •अनु.-21 में वर्णित विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया (According to pdure established by law) |
>>>>>>द. अफ्रीका के संविधान से • संविधान की संशोधन पद्धति |
>>>>>> सोवियत संघ (रूस) के संविधान से • मूल कर्त्तव्य |
>>>>>फ्रांस के संविधान (1946) से • गणतंत्रात्मक शासन प्रणाली |
>>>>>>जर्मन के वीमर संविधान (1933) से • आपात उपबन्ध |
>>>>> भारत शासन अधिनियम 1935 से • लगभग 250 अनु. (उसी रूप में या कुछ परिवर्तन के साथ) |
अध्यक्षात्मक शासन प्रणली का आधारभूत तत्व है?
-एकल कार्यपालिका
किस संविधान संशोधन द्वारा सम्पत्ति के मौलिक अधिकार को समाप्त कर दिया गया?
– 44वें संविधान संशोधन अधिनियम 1978 द्वारा
अनुच्छेद 300 (क) के अन्तर्गत अब सम्पत्ति का अधिकार अब कैसा अधिकार
– विधिक अधिकार
आस्टिन में किस संवैधानिक उपबन्ध को राज्य की आत्मा कहा है?
– राज्यों के नीति निर्देशक तत्वों को
भारत का संविधान कैसा है?
-अंशतः कठोर और अंशतः लचीला
किसका कथन है कि “भारतीय संविधान अधिक कठोर तथा अधिक लचीले के मध्य एक अच्छा संतुलन स्थापित करता है?
के.सी. ह्वीयर
किसने भारतीय संविधान को अर्द्ध संघीय संविधान कहा है।
*- के.सी. ह्वीयर
भारतीय संविधान को आवश्यकता से अधिक कठोर संविधान किसने कहा है?*
– सर आइबर जेनिंग्स ने।
भारतीय संविधान का स्वरूप किस प्रकार का है?
-संरचना में संघात्मक भावना में एकात्मक
भारतीय संविधान में संघीय (Federal) शब्द की जगह किसका प्रयोग किया गया है?
-राज्यों का संघ (Union of States)
किसने भारतीय संविधान के बारे में कहा है कि यह एक ऐसा संघ है जिसमें केन्द्रीयकरण की सशक्त प्रवृति है?
– सर आइवर जेनिंग्स
किसका कथन है कि भारतीय संविधान को संघात्मकता के तंग ढाँचे में नहीं ढाला गया है?
– बी. आर. अम्बेडकर
संघात्मक संविधान का सबसे प्रमुख लक्षण क्या है?
– केन्द्र और राज्यों के मध्य शक्तियों का वितरण
भारतीय संघवाद को सहकारी संघवाद किसने कहा है?
– जी आस्टिन नें
संघात्मक संविधान के प्रमुख लक्षण क्या है?
– (i) शक्तियों का विभाजन,
(ii) लिखित संविधान,
(iii) संविधान की सर्वोच्चता,
(iv) संविधान की अपरिवर्तनशीलता
तथा (v) स्वतंत्र न्यायपालिका
भारतीय संविधान में एकात्मक संविधान के प्रमुख लक्षण कौन-कौन से हैं?
– (i) एकल नागरिकता,
(i) राज्यपाल की राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति,
(iii) आपात कालीन उपबन्ध,
(iv) अखिल भारतीय सेवायें,
(v) संसद की नये राज्य निर्माण की शक्ति तथा
(vi) राज्य सूची पर संसद की विधि बनाने की शक्ति आदि
मूल भारतीय संविधान में मताधिकार की न्यूनतम आयु कितनी थी?
– 21 वर्ष
किस संविधान संशोधन द्वारा मताधिकार की न्यूनतम आयु 18 वर्ष नियत की | गई?
– 61वें संविधान संशोधन अधिनियम 1989 द्वारा
किन आधारों पर किसी व्यक्ति को उसके मताधिकार से वंचित किया जा सकता है?
– अनिवास, चित्त विकृति, अपराध या भ्रष्ट अथवा अवैध आचरण क आधार पर
किस वाद में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि भारतीय संविधान एक ‘परिसंघात्मक’ संविधान है और ‘परिसंघवाद’ संविधान का आधारभूत ढांचा है?
– एस0 आर0 बोम्मई बनाम भारत संघ (1994) के बाद में
किसका कथन है कि “भारतीय संविधान इस सिद्धान्त को मान्यता देता है कि परिसंघीय सिद्धान्त की अपेक्षा देश हित सर्वोपरि है?”
आइवर जेनिंग्स का
भारत के राज्यों और उसके राज्य क्षेत्रों को किस अनुसूची में विनिर्दिष्ट किया गया हैं?
– प्रथम अनुसूची में
भारत के राज्य क्षेत्र में कौन-कौन क्षेत्र आते हैं?
(i) राज्यों के राज्य क्षेत्र (ii) भारत के संघराज्य क्षेत्र तथा (iii) भारत द्वारा अर्जित राज्य क्षेत्र
किसी राज्य के क्षेत्र (area), नाम या सीमा में परिवर्तन करने वाला विधेयक किसकी सिफारिश पर संसद में प्रस्तुत किया जाता है?*
– राष्ट्रपति की।
संविधान के किस अनुच्छेद के तहत् भारत को राज्यों का संघ घोषित किया गया
-अनुच्छेद-1 के तहत।
किसने कहा है कि भारतीय संविधान सर्वप्रथम एवं प्रमुख रूप से एक सामाजिक दस्तावेज है?
-जी. आष्टिन।
भारत में किसकी सर्वोच्चता स्थापित की गयी है?
– संविधान की
किसी राज्य के नाम, सीमा या क्षेत्र में परिवर्तन करने वाले विधेयक को राष्ट्रपति किसकी राय के लिए प्रेषित करता है? .
– सम्बन्धित राज्य के विधान मण्डल की।
संसद किसी नये राज्य का निर्माण, संघ में प्रवेश या नाम आदि में परिवर्तन किस प्रकार के बहुमत से कर सकती है?
-साधारण बहुमत से।
संसद किस प्रकार किसी भारतीय भू-भाग को किसी अन्य देश को सौंप सकती
– संविधान में संशोधन करके।
9वें संविधान संशोधन का सम्बन्ध किस मामले से है?
– बेरुबाडी मामले से।
9वें संविधान संशोधन द्वारा भारत ने कौन-सा राज्य क्षेत्र पाकिस्तान को सौप दिया?
– बेरुबाड़ी राज्य क्षेत्र
डा. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा किसकी अध्यक्षता में चार सदस्यीय भाषयी प्रान्त आयोग गठित किया गया था?
– न्यायमूर्ति श्री एस.के. धर की
कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा राज्यों के पुनर्गठन पर सुझाव हेतु गठित JVP समिति ने क्या मुख्य सुझाव दिये?
-भाषाई आधार राज्यों के पुनर्गठन की मांग को अस्वीकृत कर दी; किन्तु उसके साथ यह भी सुझाव दिया कि इस सन्दर्भ में व्यापक जनआग्रह पर विचार किया जाना चाहिए।
तमिल भाषियों के लिए अलग राज्य की माँग करते हुए आमरण अनशन के कारण किसकी मृत्यु हो गयी थी?
– पोट्टी श्री रामुल्लू की।
रोचक तथ्य >>> >> |
देश में स्वतंत्रता के समय 562 देशी रियासतें मौजूद थीं। इनमें से 559 देशी रियासतें स्वेच्छया से भारत में (अपने रक्षा, विदेशी मामले और संचार व्यवस्था को इसके अधीनस्थ कर) अपने राज्य का विलय कर दिया था। मात्र तीन देशी रियासतें ऐसी थीं, जिनके विलय में कठिनाई उत्पन्न हुई। ये थींजूनागढ़, हैदराबाद तथा जम्मू-कश्मीर । अन्ततः जूनागढ़ को जनमत-संग्रह तथा हैदराबाद को सशस्त्र कार्यवाही द्वारा भारत में समाहित किया गया। 26 अक्टूबर, 1947 को जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरिसिंह ने पाकिस्तानी कबायली आक्रमण से भयाक्रांत होकर भारतीय संघ में अपना विलय स्वीकार कर लिया। |
• 1927 में गठित बटलर समिति का उद्देश्य भारत सरकार तथा देशी रियासतों के बीच सम्बन्धों की जाँच करना था। आर्थिक तथा वित्तीय स्थिति के सुधार के सम्बन्ध में सुझाव देना था। । |
• बलवंत राम मेहता तथा मणिलाल कोठारी आदि के सहयोग से दिसम्बर, 1927 में ‘अखिल भारतीय राज्य जन क्रॉन्फ्रेंस’ (All India States Peoples Conference) का आयोजन किया गया। इसमें 700 से अधिक रियासती राजनीतिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया था । ध्यातव्य है। कि 1939 में इस क्रॉन्फ्रेंस (इसे भारत प्रजामण्डल भी कहते थे) की अध्यक्षता जवाहर लाल नेहरू ने की थी )। |
• भारतीय संघ में अधिकाधिक रियासतों का विलय 1947 तक हो चुका था। राष्ट्रीय अस्थायी सरकार में रियासती विभाग के कार्यवाहक सरदार वल्लभ भाई पटेल थे। उनके सुझबुझ और नेतृत्व से विभिन्न रियासतों का विलय भारत में हुआ।। | |
• 29 नवम्बर, 1947 को हैदराबाद रियासत तथा डोमिनियन ऑफ इंडिया के क्रमशः मीर लईक अली (हैदराबाद के PM) एवं लार्ड माउंटबेटन के मध्य यथावत (Stand-Still) समझौता पर हस्ताक्षर किया गया था।। |
• भारत वर्ष के विभाजन के समय, ब्रिटिश-भारत के पंजाब प्रांत ने एक संयुक्त एवं स्वतंत्र अस्तित्व के लिए योजना सामने रखी थी। । इसके लिए उसने पेप्सू संघ (अर्थात् पूर्वी पंजाब, पटियाला एवं पहाड़ी राज्य) बनाया था। किन्तु सरदार पटेल ने उसके योजना पर पानी फेर दिया। |
रोचक तथ्य >>> >> नये राज्यों का गठन
राज्य | गठन वर्ष |
आन्ध्र प्रदेश | 1953 ई. |
गुजरात | 1960 ई |
नगालैंड | 1963 ई. |
हरियाणा | 1966 ई. |
हिमाचल प्रदेश | 1971 ई. |
मेघालय मणिपुर, त्रिपुरा | 1972 ई |
सिक्किम | 1975 ई |
मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, गोवा | 1987 ई. |
छत्तीसगढ़ | 1 नवम्बर 2000 |
उत्तराखण्ड | 9 नवम्बर 2000 |
झारखण्ड | 15 नवम्बर 2000 |
तेलंगाना | 2 जून 2014 |
क्षेत्रीय परिषदों से सम्बन्धित उपबन्ध का प्रावधान कहाँ किया है?
– राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 में
भारत में कुल कितनी क्षेत्रीय परिषदें है?
-5
क्षेत्रीय परिषदों का गठन किसके द्वारा किया जाता है?
– राष्ट्रपति द्वारा
उत्तरी परिषद का मुख्यालय नई दिल्ली में है। दक्षिणी परिषद का मुख्यालय कहाँ है?
-चेन्नई में
मध्य क्षेत्रीय परिषद का मुख्यालय कहाँ है
-इलाहाबाद में
भारतीय संविधान के किन अनुच्छेदों में नागरिकता सम्बन्धी प्रावधान दिया गया है?
– अनुच्छेद 5 से 11 तक
भारतीय संविधान कैसी नागरिकता का प्रावधान करता है?
-एकल नागरिकता
संसद को नागरिकता के सम्बन्ध में विधि बनाने का अधिकार किस अनुच्छेद के अन्तर्गत दिया गया है?
–अनुच्छेद -11
संसद द्वारा नागरिकता के सम्बन्ध में कौन सा अधिनियम पारित किया गया है?*
– भारतीय नागरिकता अधिनियम-1955
भारतीय नागरिकता कितने प्रकार से प्राप्त की जा सकती है?
– 5 प्रकार से।
भारतीय नागरिकता किन प्रकारों से प्राप्त की जा सकती है?
– जन्म से, वंश परम्परा से,
-पंजीकरण से,
-देशीयकरण से क्षेत्र
-भूमि विस्तार द्वारा।
भारतीय नागरिकता का अन्त किन प्रकारों से हो सकता है?
– (i) किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण करने पर
(ii) नागरिकता त्यागने पर या
(iii) सरकार द्वारा वंचित करने पर
लागातार कितने वर्ष तक भारत से बाहर रहने पर सरकार द्वारा नागरिकता समाप्त की जा सकती है?
-सात वर्ष
किस अनुच्छेद के अन्तर्गत संविधान के आरम्भ होने पर नागरिकता सम्बन्धी प्रावधान दिया गया है
-अनुच्छेद-5
किस अनुच्छेद में यह प्रावधान किया गया है कि किसी विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छया ग्रहण करने पर, भारतीय नागरिकता स्वतः समाप्त हो जायेगी?
– अनुच्छेद-9 में
किस समिति के सुझाव पर नागरिकता (संशोधन) विधेयक-2003 संसद द्वारा पारित किया गया?
-लक्ष्मीमल सिंधवी समिति के सुझाव पर।
प्रवासी भारतीयों को सीमित रूप में दी जाने वाली दोहरी नागरिकता को क्या कहा जाता है?
-ओवरसीज सिटिजन शिप आफ इण्डिया। (O.C.I)
रोचक तथ्य >>> >> |
निर्वाचन आयोग के परामर्श से केन्द्र सरकार ने 3 फरवरी, 2011 को मतदाता पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2011 को प्रकाशित किया है। इसका उद्देश्य विदेशों में रह रहे सक्षम मतदाताओं के नाम मतदाता सूचियों में शामिल करना है। अब विदेशों में रहने वाले सक्षम मतदाता नये फार्म 6A के माध्यम से आवेदन करके अपना नाम मतदाता सूचियों में शामिल करवा सकेंगे। |