Indian Crops In Hindi
भारत में प्रमुख फसल
चावल (Rice):
- यह ग्रेमिनी कुल का एक उष्णकटिबंधीय फसल है एवं भारत की मानसूनी जलवायु में इसकी अच्छी कृषि की जाती है।
- चावल हमारे देश की सबसे प्रमुख खाद्यान्न फसल है।
- गर्म एवं आर्द्र जलवायु की उपयुक्तता के कारण इसे खरीफ की फसल के रूप में उगाया जाता है।
- देश में सकल बोई गई भूमि के 23% क्षेत्र में एवं खाद्यान्नों के अंतर्गत आने वाले कुल क्षेत्र में 47% भाग पर चावल की कृषि की जाती है।
- विश्व में चावल के अंतर्गत आने वाले सर्वाधिक क्षेत्र (28%) भारत में हैं जबकि उत्पादन में इसका चीन के बाद दूसरा स्थान है।
- भारत में विश्व के कुल चावल उत्पादन का लगभग 21% चावल पैदा होता है। Indian Crops In Hindi
- कृष्णा-गोदावरी डेल्टा क्षेत्र को भारत के ‘चावल के. कटोरे’ के नाम से भी जाना जाता है।
- चावल के लिए भौगोलिक दशाएँ चिकनी उपजाऊ मिट्टी, गर्म जलवायु, 75 सेमी. से 200 सेमी. तक वर्षा एवं प्रारंभ में तापमान 20°C तथा बाद में 27°C है।
- भारत में चावल की तीन फसलें- अमन (शीतकालीन), ओस (शरदकालीन) तथा बोरो (ग्रीष्मकालीन) पैदा की जाती तक है।
- देश में सबसे अधिक अमन का उत्पादन होता है जो जून से अगस्त तक बोकर नवम्बर से जनवरी तक काट ली जाती है। Indian Crops In Hindi
- यहाँ विभिन्न राज्यों में पैदा की जाने वाली चावल की कुछ विशेष मालटि किस्में इस प्रकार हैं- साम्बा, कुरुवई (तमिलनाडु), कामिनी, मा कालाजीरा, गोविंदभोग (पश्चिम बंगाल), जरीसाल (गुजरात), बासमती (उत्तर प्रदेश) पश्चिमी बंगाल व तपिलनाडु में चावल की तीन फसलें उगाई जाती है
- वर्तमान समय में चावल की अधिक उपज देने वाली कई किस्में विकसित की गई हैं, ये हैंIR-8, IR-20, साकेत, सरजू, महसूरी, गोविन्द, पूसा-2-21, पूसा-33, गौरी, श्वेता, चिंगम, धनु, RH-204, GR8, साबरमती, रत्ना, कावेरी, पद्मा, अन्नपूर्णा, तेलाहम्सा, हम्सा, बाला, PLA1, किरन आदि। कीट रोधी किस्में-IET-144, बाला एवं N-22 हैं।
- वैज्ञानिकों ने जीन परिवर्तन (आनुवांशिक परिवर्तन) करके विटामिन-A की कमी को दूर करने वाले चावल का विकास किया है, इस चावल का नाम ‘गोल्डन राइस’ रखा गया है। Indian Crops In Hindi
- गोल्डन राइस को पैदा करने के लिए उसके पौधों पर जीनों का प्रत्यारोपण करना पड़ता है, जिससे पौधा बीटा-कैरोटीन युक्त पीले रंग का चावल उत्पादित करता है। Indian Crops In Hindi
गेहूँ (Wheat) :
- यह ग्रेमिनी कुल का सदस्य है।
- विश्व में गेहूँ उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान आता है। Indian Crops In Hindi
- क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का प्रथम स्थान है। चावल के बाद यह देश का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है।
- देश की कुल कृषि योग्य भूमि के लगभग 10% एवं कुल बोए गए क्षेत्र के 13% भाग पर गेहूँ की कृषि की जाती है।
- इसकी अधिकांश कृषि सिंचाई के सहारे की जाती है। Indian Crops In Hindi
- भारत में है विश्व का लगभग 12.5 प्रतिशत गेहूँ का उत्पादन होता है।
- हरित-क्रान्ति का सबसे – अधिक प्रभाव गेहूँ की कृषि पर ही पड़ा है। हरित क्रांति के ही पश्चात् गेहूँ में उच्च उत्पादकता एवं उत्पादन प्राप्त किया गया है।
- गेहूँ में ग्लूटिन नामक प्रोटीन अधिक मात्रा में पाई जाती है।
- गेहूँ के सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश (देश के कुल उत्पादन का 30.29 मिलियन टन), पंजाब (17.21 मिलियन टन) तथा हरियाणा (12.68 मिलियन टन) हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान व बिहार अन्य प्रमुख उत्पादक राज्य हैं। उत्पादकता की दृष्टि से प्रथम स्थान पंजाब राज्य का है।
- ICAR द्वारा ‘पूसा बेकर’ नामक गेहूँ की नई प्रजाति विकसित की है। Indian Crops In Hindi
जौ (Barley) :
- जौ भी देश की एक महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है। Indian Crops In Hindi
- इसकी गणना मोटे अनाजों में की जाती है।
- यह सामान्यतया शुष्क एवं बलुई मिट्टी में बोया जाता है तथा इसकी शीत एवं नमी सहन करने की क्षमता भी अधिक होती है।
- जौ के लिए कम उपजाऊ मिट्टी, 70 सेमी. से 100 सेमी. तक वर्षा, 15°C से 18°C तक तापमान आदि भौगोलिक दशाएँ होनी चाहिए।
- जौ का सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश है। Indian Crops In Hindi
- राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश अन्य उत्पादक राज्य हैं।
- जौ की किस्में-हिमानी, ज्योति, कैलाश, C-164, K-24, RDB-1 आदि हैं।
ज्वार (Jowar) :
- ज्वार भी एक मोटा अनाज है
- जिसकी कृषि सामान्य वर्षा वाले क्षेत्रों में बिना सिंचाई के की जाती है।
- इसके लिए उपजाऊ जलोढ अथवा चिकनी मिट्टी काफी उपयुक्त होती है।
- इसकी वृद्धि के लिए तापमान 25°C से 30°C के बीच होनी चाहिए।
- ज्वार की फसल भारत के अधिकांश राज्यों में खरीफ की फसल है।
- देश में ज्वार का तीन-चौथाई से अधिक क्षेत्र मात्र तीन राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में विस्तृत है। देश का लगभग 80% ज्वार का उत्पादन भी इन्हीं तीनों राज्यों में होता है।
- इसका सबसे बड़ा उत्पादक राज्य महाराष्ट्र .है।
बाजरा (Bajra) :
- बाजरा की गणना भी मोटे अनाजों में की जाती है
- ज्वार से भी शुष्क परिस्थितियों में पैदा किया जाता है।
- बाजरा के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाएँ बलुई मिट्टी, 50 सेमी. से 70 सेमी. तक वर्षा, तथा तापमान 25°C से 30°C के बीच होनी चाहिए।
- राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात तथा हरियाणा में बाजरे की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है।
- प्रमुख किस्में- बाबापुरी, मोती, HB-3, HB-4, T-55, C01 आदि हैं। Indian Crops In Hindi
मक्का (Maize) :
- मक्के की उत्पति पाईकान से हुई है।
- यह एक उभयलिंगी पौधा है। Indian Crops In Hindi
- हमारे देश के अपेक्षाकृत शुष्क भागों में मक्का का उपयोग प्रमुख खाद्यान्न के रूप में किया जाता है।
- अन्य धान्य फसलों की अपेक्षा इसमें स्टार्च की मात्रा सबसे अधिक पाई जाती है।
- देश में सर्वाधिक मक्के का उत्पादन कर्नाटक में होता है।
- इसके बाद आन्ध्र प्रदेश, “महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार एवं उत्तर प्रदेश का स्थान आता है।
- मक्के के उत्पादन में भारत का विश्व में 7वाँ स्थान है।
- मक्का की किस्में- गंगा 1, गंगा 101, विजय, जवाहर, विक्रम, रतन, किसान, सोना, एवं रणजीत आदि हैं।
तिलहन (Oil Seeds) :
- हमारे देश में तिलहनी फसलों की कृषि प्रायः अनुपजाऊ मिटटी गवं वर्षा की कमी वाले क्षेत्रों में ही की जा रही है।
- रबी एवं खरीफ दोनों फसल समयों में तिलहनों की कृषि की जाती है।
- तिलहनों के उत्पादन में मध्य प्रदेश अग्रणी है।
- सरसों, मूंगफल सूर्यमुखी, सोयाबीन व नारियल तेल के उत्पादन में क्रमश राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश एवं केरल भारत ‘ प्रथम स्थान रखते हैं।
दालें (Pulses) :
- शाकाहारी भोजन पसंद करने वाल जनसंख्या की प्रोटीन प्राप्ति का सबसे प्रमुख साधन दालें हैं।
- हमारे देश में रबी, खरीफ एवं जायद तीनों फसलों के अंतर्गत दाल की कृषि की जाती है। Indian Crops In Hindi
- फलीदार पौधा होने के कारण दालें मिट्टी में नाइट्रोजनी तत्वों की आपूर्ति करती हैं एवं उसकी उर्वरता बढाती हैं।
- दालों के उत्पादन व उपभोग दोनों में भारत विश्व में प्रथम स्थान रखता है।
गन्ना (Sugarcane) :
- गन्ना का जन्म स्थान भारत है।
- यह ग्रेमिनी कुल का पौधा है। Indian Crops In Hindi
- गन्ना उत्पादन में भारत का ब्राजील के बाद द्वितीय स्थान है, जबकि खपत और कृष्य क्षेत्र के मामले में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है।
- गन्ने की फसल तैयार होने में लगभग एक वर्ष का समय लग जाता है।
- उष्णकटिबंधीय तथा उपोष्णकटिबंधीय फसल होने के कारण इसके लिए 20°C से 27°C का औसत वार्षिक तापमान तथा 100 से 200 सेमी. की औसत वार्षिक वर्षा उपयुक्त होती है। Indian Crops In Hindi
- गन्ना की फसल तैयार होते समय वर्षा का अभाव काफी लाभदायक होता है क्योंकि इससे शर्करा की मात्रा में वृद्धि होती है।
- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश तथा कर्नाटक देश के प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य हैं।
चाय (Tea) :
- वर्तमान समय में यह भारत की प्रमुख पेय फसल है।
- यह एक श्रम प्रधान कृषि है एवं इसमें पत्तियों की चुनाई के लिए सस्ते श्रम की आवश्यकता होती है।
- जल-प्रिय पौधा होने के बावजूद इसकी जड़ों में पानी नहीं लगना चाहिए। इसी कारण इसकी खेती पहाड़ी ढालों पर की जाती है।
- देश में चाय उत्पादन में असोम का प्रथम स्थान है।
- यहाँ ब्रह्मपुत्र नदी की घाटी व सुरमा नदी की घाटी में चाय असोम से देश के कुल चाय उत्पादन का 50% भाग प्राप्त होता है।
- दक्षिण भारत में तमिलनाड सर्वाधिक चाय उत्पादन करने वाला राज्य है।
- भारत विश्व में काली चाय का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता देश है।
- भारत चाय के विश्व उत्पादन का 7 उत्पादित करता है तथा चाय के विश्व व्यापार में इसका हिस्सा 9 प्रतिशत है।
- विश्व में चाय उत्पादन में भारत का चीन के बाद दूसरा स्थान है। Indian Crops In Hindi
- 22 जनवरी, 2013 को ‘अन्तर्राष्ट्रीय चाय उत्पादक मंच’ का गठन किया गया है। इसमें भारत के अलावा केन्या, श्रीलंका, इडोनेशिया, खाण्डा, मलावी, ईरान तथा चीन शामिल हैं। इसका मुख्यालय कोलम्बो में है। 12. कहवा (Coffee) : विश्व के कुल कहवा उत्पादन का मात्र
- ढलवाँ पर्वतीय ने धरातल एवं दोमट अथवा लावा निर्मित मिट्टी इसके लिए 6 उपयुक्त होती है।
- हमारे देश में दो प्रकार के कहवा की कृषि की जाती है- अरेबिका कॉफी व रोबस्टा कॉफी।
- अरेबिका कहवा देश के कहवा के अंतर्गत आने वाले कुल क्षेत्रफल के 60% भाग न पर कर्नाटक, केरल तथा तमिलनाडु राज्यों में बोया जाता है ।
- जबकि शेष भूमि पर रोबस्टा कहवा की कृषि की जाती है।
- कहवा की खेती दक्षिण भारत के पर्वतीय ढालों तक ही सीमित । है।
कपास (Cotton) :
- यह मालवेसी कुल का पौधा है।
- संसार में मुख्यतः इसकी दो प्रजातियाँ पायी जाती हैं।
- प्रथम देशी कपास (Old World Cotton) अर्थात् गासिपियम अरबोरियम एवं गाहरबेरियम है। Indian Crops In Hindi
- दूसरा अमेरिकन कपास (New World Cotton) अर्थात् गाहिरसुटम एवं बारबेडेन्स नाम से जानते हैं।
- प्रायद्वीपीय – पठारी भाग की लावा निर्मित काली मिट्टी के क्षेत्र में कपास का सर्वाधिक उत्पादन किया जाता है।
- महाराष्ट्र में कपास को श्वेत स्वर्ण (White Gold) के नाम से भी जाना जाता है।
- कपास क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का विश्व में प्रथम स्थान है।
- उत्पादन की दृष्टि से भारत का विश्व में दूसरों स्थान है
जूट (Jute) :
- यह एक रेशेदार फसल है
- जूट की फसल तैयार होने में 10 से 11 माह लगता है।
- औसत छ उपज पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक और बिहार में सबसे कम है।
- ओडिशा, उत्तर प्रदेश व और त्रिपुरा के तराई वाले भागों में भी इसकी खेती की जाती है।
- बिहार, असोम, आंध्र प्रदेश, ओडिशा आदि अन्य प्रमुख जूट उत्पादक राज्य हैं।
रबड़ (Rubber) :
- रबड़ का जन्म स्थान ब्राजील है। Indian Crops In Hindi
- यह उष्ण कटिबंधीय पौधा है।
- रबड़ वृक्ष के दुध (लेटैक्स) से रबड़ प्राप्त होता है।
- 1902 ई. में केरल में पेरियार नदी के किनारे इनके वृक्ष लगाए गए। Indian Crops In Hindi
- भारत में विश्व के उत्पादन का लगभग 1.7% प्राकृतिक रबड़ प्राप्त किया जाता है।
- इसके प्रमुख उत्पादक राज्य केरल, तमिलनाडु तथा कर्नाटक हैं।
तम्बाकू (Nicotin) :
- यह एक शीतोष्ण कटिबधीय पौधा है।
- इसके लिए औसतन 15°C से 38°C का तापमान, 50 सेमी की वार्षिक वर्षा, बलई दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है।
- तम्बाकू की पत्तियों को सुखाने की प्रकिया को रचाई कहते हैं, Indian Crops In Hindi
- जिससे पत्तियों में वांछित रंग, गंध तथा लचक आदि प्रथम तीन शीर्ष उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक शीर्ष उत्पादक राज्य हैं।
- भारत विश्व का चौथा सबसे बड़ा तम्बाकू निर्यातक तथा चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता राष्ट्र है।
- भारत में विश्व के कुल तम्बाकू का 8% तम्बाकू उत्पादन होता है।
नारियल (Coconut) :
- नारियल एक उष्ण कटिबंधीन जलवायु का पौधा है।
- भारत इण्डोनेशिया और फिलीपींस के बाद विश्व में नारिलय का तीसरा बड़ा उत्पादक देश है।
- रेगड़ मिट्टियों की जरूरत होती है।
- देश के तीन दक्षिणी राज्यों-केरल, तमिलनाडु एवं कर्नाटक में नारिलय का 83.2 प्रतिशत क्षेत्र पाया जाता है।
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तालीकोटा के प्रसिद्ध ऐतिहासिक युद्ध में विजयनगर साम्राज्य के पतन के पश्चात् उसके अवशेष पर जितने राज्यों का उदय हुआ, उनमें मैसूर भी एक था। इस पर ‘वोडेयार वंश’ का शासन स्थापित हुआ। इस वंश का अंतिम शासक चिक्का कृष्णराज वोडेयार द्वितीय था, जिसका शासनकाल 1734 ई. से 1766 ई. था। इसके शासनकाल में वास्तविक सत्ता दो मंत्री भाइयों देवराज एवं नंजराज के हाथों में केन्द्रित थी। नंजराज ने 1749 ई. में हैदर अली को उसके अधिकारी सैनिक जीवन की शुरुआत का अवसर दिया। 1755 ई. में नजराज ने हैदर को डिंडिगुल के फौजदार पद पर नियुक्त कर दिया।
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