Rectal Cancer in Hindi Symptoms of Rectal Cancer

रेक्टल कैंसर किया है ? What Is Rectal Cancer? Rectal Cancer in Hindi

रेक्टल कैंसर किया है ? What is Rectal Cancer ?

रेक्टल कैंसर बरी आंत मैं हो सकता है या मालास्ये (जहाँ पर लेट्रिन इकठटी होती हैं ) मैं हो सकता हैं, रेक्टल कैंसर आंत की अन्दरूनीन लाइन मैं होती है जिसे  म्यूकोसा कहते हैं रेक्टल कैंसर म्यूकोसा से  सुरु होता हैं , इसका मतलब ये हुआ की म्यूकोसा से कैंसर चालू होगा, स्टडी से पता चलता हैं , रेक्टल कैंसर महिला और पुरुसो मैं बराबर संख्या मैं होता हैं |

Rectal Cancer in Hindi

अगर रेक्टल कैंसर सुराती समय मैं पहचान लेने पर इसका रोकथाम संभव हैं, तब इससे 100 % छुटकारा पाया जा सकता हैं , बरसरते इसे जल्दी पहचाने की कोसिस की जाये तो |

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रेक्टल कैंसर कब कब हो सकता हैं ? When Can Rectal Cancer Occur?

  • अगर आपकी उम्र 50 साल से ज्यादा हैं 
  • यदि आपको IBS  या असलर लेटिव कोलाइटिस  हैं  तो रेक्टल कैंसर होने की ज्यादा सम्भावना हैं |
  • यदि आपकी फैमली (ब्लड रिलेशन)  मैं किसी को रेक्टल कैंसर हुआ हैं तो ये आपको होने की ज्यादा सम्भावना हैं |

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कैसे आप रेक्टर कैंसर को नियंत्रित कर सकते हैं Risk Factor You Can Control Rector Cancer

  • ज्यादा मात्रा मैं मीट न खाये इसलिए हप्ते मैं 5०० ग्राम से जायदा न खाये |
  • यदि आपका वजन ज़्यदा हैं तो आपको ये हो सकता हैं |
  • यदि ज्यादा अल्कोहल लेते हैं तो आपको ये हो सकता हैं |
Rectal Cancer in Hindi
rectal cancer sysptoms

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रेक्टल कैंसर के लक्षण  Symptoms Of Rectal Cancer

  • इस कैंसर मैं सुरु में कुछ नहीं पता चलेगा तो इसमे सबसे बड़ी समस्या यही हैं, जब ये थोड़ा बढ़ जाता हैं तभी ये पहचान मैं आता हैं|
  • आपको बिच बिच मैं लेट्रिन मैं ब्लड दिखेगा ये , ब्लड लाल और कथा व मिक्स हो सकता ये फिर कला हो सकता हैं 
  • जब ज्यादा बढ़ जायगा तो ब्लड के साथ बिच बिच मैं पेट मैं दर्द भी हो सकता हैं  |
  • अधिक से  अधिक पेट ख़राब रह सकता हैं 
  • खून की कमी होना 
  • वजन काम होना
  • थकन और कमजोरी महसूस होना |

रेक्टर कैंसर स्टेज Stages Of Rectal Cancer

  • इसमे कैंसर बड़ी आंत के अंदरूनी सतह मैं होता हैं
  • इसमे कैंसर बड़ी आंत के अंदरूनी सतह के साथ साथ अंदर की मास्स पेसिये मैं चला जाता हैं 
  • इसमे कैंसर बड़ी आंत के अंदरूनी सतह के साथ साथ अंदर की मास्स पेसिये के साथ साथ बहार आ जाता हैं 
  • इसमे पूरी बड़ी आंत को कवर कर लेता हैं 
  • इसमे बड़ी आंत के साथ साथ सरीर की बाकि ओर्गान जैसे किडनी पेट पितासे फेफड़े को भी नुकसान पहुँचता हैं इस स्टेज मरीज के बचने के चांस न ने बराबर होता हैं 
  • तो स्टेज से ही पता चलता हैं बीमारी की कंडीशन कि जल्दी पकरि जायगी तो इंसान बच सकता हैं 

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रेक्टल कैंसर टेस्ट Rectal Cancer Test

  • स्क्रीनिंग टेस्ट सबसे बेस्ट टेस्ट हैं इस बीमारी को पहचाने की (हर 50 साल के बाद कर किसी स्क्रीनिंग क्लोनोस्कोपी करनी चाहिए ) इस टेस्ट मैं लेट्रिन के रास्ते एक पाइप डाला जाता हैं जिसमे कैमरा लगा होता हैं |
  • अगर आप ये टेस्ट नही करना चाहते तो आप वर्चुअल कोलोनोस्कोपी टेस्ट कराइये (लेकिन वर्चुअल कोलोनोस्कोपी मैंबहुत  छोटे गांठ नहीं दिखती हैं )|
  • अगर टेस्ट में कोई पोलिब या गाँठ आती हैं तो इस गाँठ को जल्द जल्द निकलवाय |
  • फेकल ोकुलत  ब्लड टेस्ट होता हैं इसमे लेट्रिन की जाँच होती हैं इससे लेट्रिन मैं छुपा खून देखा जाता हैं

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सर्जरी से 100 % बचा जा सकता हैं अगर कैंसर स्टेज 5 मैं भी होगा तो इंसान के बचने के चांस ज्यादा हैं 

एडवांस्ड कैंसर स्टेज हैं तो किया करे

  • सर्जरी से 100 % बचा जा सकता हैं अगर कैंसर स्टेज 5 मैं भी होगा तो इंसान के बचने के चांस ज्यादा हैं
  • सर्जरी  एंड कीमोथेरोपी 
  • किसी किसी केस मैं रेडियो थेरिपी भी दी जा सकती हैं

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